*त्रि—दिवसीय शोध संगोष्ठी मध्यप्रदेश की विमुक्त जातियाँ और उनकी संस्कृति
दिनाँक 26 से 28 फरवरी 2021* समन्वय शासकीय हमीदिया कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय,भोपाल प्रायोजक आदिवासी लोक कला एवं बोली विकास अकादमी,भोपाल
*मध्यप्रदेश की विमुक्त जातियाँ और उनकी संस्कृति* औपनिवेशिक शासन व्यवस्था ने कई जाति-समुदायों के प्रति जिस कठोर आचरण का परिचय दिया उससे वे सभी जातियॉं पीढिय़ों तक के लिए विकास, गरिमा और सम्मान से वंचित होकर एक ऐसे नेपथ्य में चली गई थी जिसकी प्रतिपूर्ति के लिए अनेकानेक प्रयासों की आज आवश्यकता है। देश और प्रदेश में शासन ने इस दिशा में बहुत गंभीरता से पहल भी की है। मध्यप्रदेश में 21 विमुक्त जातियाँ निवासरत हैं। यथा- कंजर, सांसी, बंजारा, बांछड़ा, कालबेलिया, भारमोटिया (भरमोटिया), मोघिया, बागरी, नट, पारधी, बेडिय़ा, हबूदा, भाटू, कुचबंदिया, बिजारिया, कबूतारिया (कबूतर), सन्दुत्या, पासी (पासीया), चन्द्रबेडिय़ा, बेरागी और सनोरिया । अन्य जातियों की तुलना में उपर्युक्त जातियों की कला, साहित्य, भाषा, संस्कृति और परंपराओं पर तुलनात्मक रुप से बहुत कम अध्ययन उपलब्ध हैं। यदि कुछ अध्ययन हैं भी तो वे बहुत एकांगी और इन जातियों की गरिमा को कम करने वाले तथा संवेदना और सत्य से लगभग रहित हैं। मध्यप्रदेश के लगभग हर जिले में इन जातियों का निवास और विस्तार है। हमने कल्पना की है कि प्रत्येक विश्वविद्यालय, महाविद्यालय और स्कूल ही नहीं पुलिस, प्रशासन तथा न्यायिक और अभिभाषण व्यवस्था में संलग्न सुधी अध्ययेतागण अपने जनपद में निवासरत किसी एक विमुक्त जाति के सांस्कृतिक पक्षों और अन्य निर्धारित विचार बिन्दुओं पर अपना एक प्रामाणिक शोधालेख / पीपीटी / फिल्म प्रस्तुत करें ताकि इन समुदायों के सांस्कृतिक विश्व को प्रतिष्ठा प्राप्त करने में सहजता हो सके।
*आवश्यक नियम*
1) कोविड-19 के तहत शासन द्वारा जारी तत्कालीन मार्गदर्शिका का पूर्ण पालन किया जायेगा।
2) संगोष्ठी में पंजीयन नि:शुल्क है।
3) अध्येता को अपना आलेख ई मेल vimukta2021@gmail.com पर दिनाँक 7 फरवरी 2021 तक आवश्यक रुप से प्रेषित करना होगा।
4) आलेख अथवा स्लाइड शो या लघु फिल्म प्रस्तुत करने के लिए परमर्शी मंडल द्वार चयन किया जायेगा। चयनित किये जाने के पश्चात उन्हें प्रस्तुति के लिए आमंत्रित किया जायेगा।
8) किसी भी शोध आलेख अथवा वक्तव्य में किसी व्यक्ति / जाति की गरिमा को कम करने वाली शब्दावली प्रयुक्त नहीं हो सकती।
9) प्रस्तुतकर्ता को अधिकतम 15 मिनिट में अपनी बात कहनी होगी।
10) शोधपत्र प्रस्तुत कर्ता द्वारा टिकिट प्रस्तुत करने पर वातानुकूलित तृतीय श्रेणी रेल अथवा वातानुकूलित बस का वास्तविक किराया प्रदान किया जा सकेगा। अपरिहार्यता की स्थिति को छोड़कर एक दिन के आवास और भोजन की व्यवस्था भी प्रदान की जायेगी।
11) यदि आलेख प्रकाशित किया गया तो उस पर भी पृथक से मानदेय प्रदान किया जायेगा।
12) जो विद्वान केवल प्रतिभागिता एवं श्रवण के लिए पंजीयन चाहते हैं, उन्हें सीमित संख्या में ही अनुमत किया जा सकेगा, साथ ही उनके लिए किसी प्रकार का मार्ग व्यय, भोजन व्यवस्था करना संभव नहीं होगा। यद्यपि उन्हें पूर्ण उपस्थिति के लिए प्रतिभागिता प्रमाण पत्र दिया जा सकेगा।*मार्गदर्शक डॉ.पी.के.जैन प्राचार्य* *समन्वय* डॉ.अल्पना त्रिवेदी – 8839203849 डॉ.पी.के.शर्मा – 88 39211303 डॉ. अजय अग्रवाल – 88 39354535 डॉ.सुधीर शर्मा – 9424411175
*विचार बिन्दु* *शुक्रवार, 26 फरवरी 2021* सम्बन्धित जाति – उद्भव और स्थिति परिचय, निवास, नामकरण, उत्पत्ति कथाएं, आवास व्यवस्था, शारीरिक गठन, रुप-रंग, गोत्र एवं प्रतीक कथाएं, जनसंख्या । सम्बन्धित जाति – रीति रिवाज और संस्कृति जन्म, विवाह, मृत्यु तथा अन्य संस्कार, वस्त्र आभूषण, खान-पान व्यवसाय, शिक्षा, खेल
*शनिवार, 27 फरवरी 2021* सम्बन्धित जाति – देवी -देवता, पर्व त्योहार और आस्थाएॅं देवी देवता का स्वरुप,प्रतीकात्मकता, मान्यताएँ, अनुष्ठान विधियाँ अवसर, लोक विश्वास, सम्बन्धित जाति – सामाजिक संगठन परिवार व्यवस्था, समाज व्यवस्था, न्याय एवं जाति पंचायत
*रविवार, 28 फरवरी 2021* सम्बन्धित जाति – मौखिक साहित्य बोली, कथा, गाथा, गीत, कहावतें, पहेलियाँ सम्बन्धित जाति – प्रदर्शनकारी एवं रुपंकर कलाएँ नृत्य, नाट्य, गायन, वादन, शिल्प, चित्र, गुदना,भित्ति अलंकरण